कल बिहार में जो कुछ हुआ उसका पूरे देश की जनता ने विरोध किया.हम सब ने देखा कि कैसे बिहार सरकार के इशारों पर पुलिस प्रशासन ने जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा से पूर्व सांसद पप्पू यादव के साथ ज्यादती की. उन्हें पहले हाउस अरेस्ट किया गया फिर लॉकडाउन के उलंघन के मामले में गांधी मैदान थाना लाया गया और फिर जब लगा कि यह मामला कम पड़ रहा तो 4-5 घण्टे तक इस बात की तहकीकात चली कि ऐसे मुकदमे को खोजा जाए जिससे उन्हें बेल न मिल सके और फिर 32 साल पुराने एक मुकदमे में पप्पू यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
असल मे कल की घटना एक प्रतिक्रिया थी और प्रतिक्रिया उस घटना की जिससे बिहार ही नही बल्कि पूरे देश के सामने भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी की बड़ी फ़ज़ीहत हुई.
बिहार में कोरोना के बीच एंबुलेंस विवाद से सियासत गर्माई.दरसल 7 मई को पप्पू यादव को जानकारी मिली कि छपरा के अमनौर में विश्व प्रभा सामुदायिक केंद्र परिसर में दर्जनों एंबुलेंस खड़ी है,बेकार पड़ी है।
पप्पू यादव मौके पर पहुंचते हैं और इस सच्चाई से पूरे देश को अवगत कराते हैं कि कैसे सांसद फंड (MPLADS) से खरीदी गई दर्जनों एम्बुलेंस राजीव रूडी के घर पर पड़ी है. उन्होंने इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया जो वायरल हो गया. पप्पू यादव ने इसकी जांच और सांसद राजीव रूडी पर कारवाई की मांग कर दी.
पप्पू यादव ने कहा कि एंबुलेंस सरकारी पैसे से खरीदी गई हैं और इन्हें आवंटित करने की अथॉरिटी DM को है। एंबुलेंस का पैसा निजी काेष में क्यों डाला गया? इसे किसी भी पंचायत में निजी लोगों को नहीं सौंपा जा सकता है। यह नियमों के खिलाफ है। ड्राइवर रखने की जिम्मेदारी भी प्रशासन की है.
इधर यह वीडियो इतनी तेजी से वायरल हुआ कि मेनस्ट्रीम मीडिया को न चाहते हुए भी इस पर कई डिबेट करने पड़े।
सांसद राजीव प्रताप रूडी ने यादव के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि छपरा जिले में करीब 80 एंबुलेंस है। अभी इसमें से 50 चल रही हैं। कई जगह पंचायतों में चलने वाली एंबुलेंस के ड्राइवरों ने काम छोड़ दिया था। इस वजह से बची हुई एंबुलेंस को खड़ा किया गया है। यह बात किसी को नही पची ।राजीव रूडी ने पप्पू यादव को चुनौती दी कि आप जितने एम्बुलेंस हैं,उतने ड्राइवर की व्यवस्था कीजिये और कर पाए तो एम्बुलेंस ले जाइए. पप्पू यादव ने अगले ही दिन दर्जनों बेरोजगार ड्राइवर खड़े कर दिए यानी राजीव रूडी मुंह के बल गिरे.फिर उन्होंने दूसरा वीडियो शेयर किया जिसमें रूडी के सांसद फंड से खरीदे गए एम्बुलेंस मिट्टी ढोने का काम कर रहे थे.
अब आगे पप्पू यादव ने दरभंगा के एक भाजपा विधायक के घर कई फालतू पड़े ऑक्सीजन सिलिंडर का राज़ खोला.
भाजपा की पोल खुलती जा रही थी और साथ साथ पप्पू यादव की रोज़ कोरोना मरीजों की सेवा करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर छा रही थी. ये बातें भाजपा-जदयू को हजम नही हुई.
11 मई की सुबह सुबह वही हुआ जिसका सभी को अंदाज़ा था. पप्पू यादव को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वजह पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) के कोविड वार्ड में बिना इजाजत जाने की बताई गई. उनका कोविड टेस्ट हुआ,वो नेगेटिव आए. अब अधिकारियों को शायद लगा कि पप्पू यादव को अगर पेंडेमिक एक्ट में अंदर किया जाए तो वो बेल पर बाहर आ जाएंगे तब पुलिस ने कई घण्टों तक उनका इतिहास खंगाला और फिर पुलिस अफसरों ने बताया कि पप्पू यादव पर मधेपुरा में अपहरण और हत्या के 32 साल पुराने एक मामले में वारंट था. मधेपुरा पुलिस ने पटना पुलिस से संपर्क किया था. देर शाम मधेपुरा पुलिस एक डीएसपी के नेतृत्व में पटना पहुंची, और पप्पू यादव को साथ लेकर चली गई. मधेपुरा के उदाकिशनगंज के कुमार खंड थाने में 1989 में अपहरण का ये मामला दर्ज हुआ था. इसमें पप्पू यादव अभियुक्त थे. उन्हें बेल मिली थी, लेकिन ये बेल टूट गई. इसके बाद 22 मार्च 2021 को कोर्ट ने वॉरंट जारी किया था पर वह वारंट चपरासी से खो गयी थी.
पप्पू यादव की गिरफ़्तारी पर नीतीश कुमार अकेले पड़ते जा रहे हैं. घटक दलों के साथ अब उनकी पार्टी जेडीयू के कुछ नेता भी विरोध जताने लगे हैं. बेगुसराय के पूर्व सांसद और नीतीश कुमार के करीबी JDU नेता मोनाजिर हसन ने कहा कि पप्पू यादव की गिरफ़्तारी की जितनी निंदा की जाए, कम है. वो ग़रीबों के मसीहा के तौर पर काम कर रहे थे. गिरफ़्तारी तो छपरा के DM और राजीव प्रताप रूडी की होनी चाहिए थी. मुसीबत के समय जब पप्पू यादव ग़रीबों की मदद कर रहे थे, तब उनकी गिरफ़्तारी बेहद निंदा का विषय है.
संदेश के पूर्व विधायक और JDU नेता विजयेंद्र यादव ने भी पप्पू यादव की गिरफ़्तारी को ग़लत बताया. उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर राजीव प्रताप रूडी को एक मिनट भी सांसद रहने का अधिकार नहीं है. पप्पू यादव को मानवता के नाते रिहा किया जाना चाहिए. BJP के MLC रजनीश कुमार ने भी पप्पू यादव की गिरफ़्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी जैसे बड़े नेताओं ने भी इसका विरोध किया.
पर नितीश सरकार भाजपा के दबाव में कुछ न कर सकीं.
अब आते हैं बिहार के ‘दिल्ली वाले’ विपक्ष पर.पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे निंदनीय घटना बताई. लोगों को इंतज़ार था कि कब बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इसपर प्रतिक्रिया देंगे। हालांकि तेजप्रताप यादव ने इसका विरोध किया मगर पोलिटिकल प्रेसर में उस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया. लालू,तेजस्वी,तेज प्रताप,राजद कहीं से कोई ट्वीट नही. इधर पूरा दिन ट्विटर पर #ReleasePappuYadav ट्रेंड करता रहा ।कांग्रेस के राजेश राठौड़ से लेकर इमरान प्रतापगढ़ी तक ने इसपर प्रतिक्रिया दी,पप्पु को रिहा करने की मांग की पर राजद के नेताओं के मुंह से एक शब्द नही.
आखिर क्यों ?
इसकी बड़ी वजह ये है कि सरकार के साथ साथ विपक्ष भी पप्पू की लोकप्रियता से घबरा रहा है.अलबत्ता पार्टी के कई नेता इसे नौटंकी बता रहे हैं। राजद के कई नेताओं ने तो यहां तक का डाला है कि राज्य सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है। दरअसल राजद को डर है कि गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव कहीं हीरो न बन जाएं। युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सोहैब सहित कई नेताओं ने इशारों – इशारों में इसे नौटंकी तक करार दे दिया है।यही सवाल जब पत्रकारों ने पप्पू यादव से पूछा तो उन्होंने अपने तरीके से तेजस्वी यादव को चुनौती भी दे डाली। उन्होंने कहा कि तेजस्वी अस्पताल में मरीजों के बीच जाएं और उनकी सेवा करें। जरूरतमंदों की मदद के लिए बाहर निकलें। उनके लिए दवाएं और ऑक्सीजन की व्यवस्था करें.
राजद के एक विधायक ने आज पप्पू यादव को डाकू करार दे दिया. सवाल ये है कि अगर पप्पू डाकू हैं तो शाहबुद्दीन उनकी नज़र में सिवान का मसीहा कैसे,उनके लिए संवेदना क्यों ?
इस बयान की जितनी भर्त्सना की जाए वो कम है क्योंकी पप्पू यादव ने पटना के जलजमाव से लेकर कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी किस तरह से लोगों की सेवा कर रहे हैं ये सब जानते हैं।
गिरफ्तारी पर पप्पू की प्रतिक्रिया :
पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए पप्पू ने कहा कि मुझे भाजपा के इशारे पर गहरी साजिश के तहत जेल भेजा जा रहा है, जबकि मैंने पिछले डेढ़ महीने से लोगों को बचाकर नीतीश कुमार की ही मदद की। मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि आखिर जो मामला हाई कोर्ट में लंबित है, उस मामले में कोरोना काल मे गिरफ्तारी क्या जरूरी थी ?
पप्पू यादव ने तमाम विपक्ष से मिले सपोर्ट का आभार व्यक्त किया और लालू यादव से आग्रह कि बिहार को बचाने में संघर्ष तेज करें। एक सवाल के जवाब में पप्पू यादव ने ये भी कहा कि अगर आज हम जेल में हैं तो तेजस्वी यादव सड़क पर उतरें, अस्पतालों में दवा लेकर जाएं, लोगों को बेड उपलब्ध कराएं। हमारे लोग हमेशा उनके साथ रहेंगे। पप्पू यादव ने कहा कि सरकार की नीयत इतनी खराब है कि आज गरीब लोगों को हर रोज जाने वाले खाने को बंद करा दिया। इसलिए जब तक बिहार के मेरे गरीब भाई बहन और अस्पतालों में कोरोना का इलाज करा रहे लोग भूखे रहेंगे, तब तक मैं भी पानी का एक निवाला नहीं लूंगा।
जेल में पप्पू यादव को किया जा रहा प्रताड़ित :
बुधवार सुबह पप्पू यादव की ओर से ट्वीट किया गया, जिसमें उन्होंने जेल के हाल को बयां किया है. पप्पू यादव से ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि वीरपुर जेल में मैं भूख हड़ताल पर हूं. न पानी है, न वॉशरूम है, मेरे पांव का ऑपरेशन हुआ था, नीचे बैठ नहीं सकता, कमोड भी नहीं है.
जाप आज से शुरू करेगी जेल भरो अभियान :
जन अधिकार पार्टी (जाप) अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार से जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करेगी। प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र कुशवाहा ने बताया कि पार्टी के तमाम नेता एवं कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे। पूर्व सांसद की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह ने कहा कि पप्पू यादव के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार होगी। पूर्व मंत्री अखलाक अहमद ने कहा कि जेपी, कर्पूरी ठाकुर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद की धरती पर यह अन्याय बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष की रिहाई की मांग को लेकर पूरे दिन दर्जनों कार्यकर्ता गांधी मैदान थाने के आसपास जमा रहे।